*स्वाहा शब्द का क्या अर्थ है......?*💐👏🏼🌸🙏🏼
स्वाहा शब्द संस्कृत के *‘सु’* उपसर्ग तथा *‘आह्वे’* धातु से बना है. *‘सु’* उपसर्ग *‘अच्छा या सुन्दर या ठीक प्रकार से’* का बोध कराने के लिए शब्द या धातु के साथ जोड़ा जाता है. *‘आह्वे’* का अर्थ बुलाना होता है. यज्ञ करते समय किसी देवता को उचित रीति से आदरपूर्वक बुलाने के लिए स्वाहा शब्द का प्रयोग किया जाता है. संस्कृत व्याकरण में नम:, स्वस्ति, स्वाहा के साथ चतुर्थी या सम्प्रदान कारक का प्रयोग होता है. इसीलिए कहा जाता है *‘अग्नये स्वाहा’ ‘नम: शिवाय’* आदि. यजुर्वेद में स्वाहा शब्द का बहुत प्रयोग हुआ है क्योंकि इसमें यज्ञ करने की रीति बतायी गयी है.
*🌸।। जय श्री कृष्ण ।। 🌸*
🙏🏼
स्वाहा शब्द संस्कृत के *‘सु’* उपसर्ग तथा *‘आह्वे’* धातु से बना है. *‘सु’* उपसर्ग *‘अच्छा या सुन्दर या ठीक प्रकार से’* का बोध कराने के लिए शब्द या धातु के साथ जोड़ा जाता है. *‘आह्वे’* का अर्थ बुलाना होता है. यज्ञ करते समय किसी देवता को उचित रीति से आदरपूर्वक बुलाने के लिए स्वाहा शब्द का प्रयोग किया जाता है. संस्कृत व्याकरण में नम:, स्वस्ति, स्वाहा के साथ चतुर्थी या सम्प्रदान कारक का प्रयोग होता है. इसीलिए कहा जाता है *‘अग्नये स्वाहा’ ‘नम: शिवाय’* आदि. यजुर्वेद में स्वाहा शब्द का बहुत प्रयोग हुआ है क्योंकि इसमें यज्ञ करने की रीति बतायी गयी है.
*🌸।। जय श्री कृष्ण ।। 🌸*
🙏🏼